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डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर काफी कमजोर हो जाता है. लेबर पेन के दौरान शरीर में काफी जोर पड़ता है. जिसे सही देखरेख न मिलने पर मां व शिशु दोनों पर इसका नकारात्मक असर होता है. ऐसे में सही पोषक तत्वों का सेवन बेहद जरूरी होता है.
आज हम FreeKaaMaal के इस लेख के जरिये महिलायों को डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए के विषय में बात करेंगे. चूँकि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं को हेल्दी फूड्स खाने की सलाह दी जाती है ताकि मां का शरीर शिशु के पालन-पोषण और देखभाल के लिए तैयार हो. लेकिन डिलीवरी के बाद ज्यादातर नई मांएं बच्चे की देखभाल में ऐसी मसरूफ हो जाती हैं कि उन्हें अपनी सेहत का ख्याल ही नहीं रहता. जिस वजह से हर वक्त थकान, बॉडीपेन, आंखों और दांतों का कमजोर होना और बालों के झड़ने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.
तो आज आप इस लेख के द्वारा प्रसव के बाद का भोजन, delivery ke baad kya khaye और food after delivery for Indian mother in hindi इन सभी चीजों के बारे में पढेंगे, तो इस लेख को अंत तक पढ़े पूर्ण जानकारी के लिए.
Table of Contents
प्रसव के बाद का भोजन किसी भी महिला के लिए बहुत ही आवश्यक होता हैं, यह समझना जरूरी है कि प्रसव के बाद किस तरह के पौष्टिक तत्व आपको अपने खानपान में शामिल करने चाहिए, जो आपको पोषण दे सकें. नीचे हम नई मां की डाइट (Food After Delivery for Indian Mother in Hindi) में शामिल होने वाले खाद्य पदार्थों की सूची दे रहे हैं. ये सभी विटामिन, खनिज, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और ओमेगा-3 एस से भरपूर हैं, जो नई मां के लिए बेहद जरूरी होता हैं. इनकी मदद से महिला को डिलीवरी के बाद सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है.
जन्म के बाद नवजात शिशु के लिए माँ का दूध ही फायदेमंद होता हैं, उसके लिए आपको स्वस्थ एवं भरपूर आहार लेने आवश्यकता है. अगर आप मांसाहारी हैं तो चिकेन सूप और अंडा अपने भोजन समलित करे. ये आपके शरीर कि इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करता हैं, एवं हड्डी को भी मजबूत बनता है. चिकेन और अंडे में कैल्शियम और प्रोटीन होता हैं, जो आपके शरीर में कैल्शियम एवं प्रोटीन की कमी को पूरा करता है.
Delivery ke baad kya khaye ये सभी माँ का रहता हैं , तो आप इसमें खजूर खा सकते है. खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कब्ज की समस्या को दूर करता है. खजूर में आयरन भी होता है जो खून बढ़ाने का काम करता है. इसे खाने से थकान व कमजोरी कम होती है.
हल्दी में विटामिन बी6 और सी, फाइबर, पोटाशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है. इस तरह, यह जरुरी विटामिनों से भरपूर है. यह न केवल भारतीय पाक कला में एक मानक सामग्री है, बल्कि इसका उपयोग बाहरी व आंतरिक घावों के उपचार में भी सदियों से किया जा रहा है. इस बात के कुछ प्रमाण हैं, जो बताते हैं कि हल्दी जलन कम करने में मदद करती है. यह प्रसव के बाद होने वाले घावों और पेट की गड़बड़ी को ठीक करने में मदद कर सकती है, हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए सीमित प्रमाण उपलब्ध हैं. आप एक गिलास गुनगुने दूध में आधी छोटी चम्मच हल्दी मिला सकती हैं.
डिलीवरी के बाद अजवाइन खाने से पेट की समस्या दूर रहती है और दर्द कम होता है. इसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर को अंदर से हील करने में मदद करती है. इसके अलावा गेंहू के आटे और अजवाइन में खूब फाइबर होता है जो पाचनक्रिया दुरुस्त रखने का काम भी करता है.
डिलीवरी के बाद शरीर में दर्द और सूजन की शिकायत रहती है तो आप खसखस का लड्डू घर में बनाकर खाएं. इसके सेवन से भी मांसपेशियों का दर्द दूर होता है और शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है. डिलीवरी के बाद खसखस के लड्डू, खसखस का सूप, खसखस का हलवा या इसे दूसरी चीजों में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है.
गोंद के लड्डू में गोंद, मूंग की दाल, आटे और सूखे मेवे होते हैं जो शरीर को प्रोटीन व अन्य पोषक तत्व की पूर्ति करने में काफी सहायक होता है. अगर रोज एक गोंद का लड्डू न्यू मॉम खाएं तो इससे उनकी दिन भर की कमजोरी काफी हद तक कम हो सकती हैं.
प्रसव के बाद डाइजेशन की समस्या रहती है और पेट में गैस बनना, कब्ज जैसी समस्या हो सकती है. पेट में जलन आदि भी रहती है. ऐसे में अगर रोज एक गिलास पानी में 1 चम्मच सौंफ को उबालकर इसे पिया जाए तो काफी राहत रहती है.
प्रसव के बाद महिला को डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए. यह स्तनपान के लिए जरूरी है. इनमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन-ई होता है, जो महिला के लिए जरूरी है. आपको बता दें कि नवजात शिशु मां के दूध से ही कैल्शियम ग्रहण करता है, जिससे उसकी हड्डियां मजबूत होती हैं. ऐसे में मां के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी हो जाता है. इसलिए, आप रोजाना तीन कप डेयरी उत्पादों को अपने खानपान में शामिल करें.
अगर महिला मांसाहारी हैं तो food after delivery for Indian mother in hindi को अपने खानपान में शामिल करे. इसमें आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी-12 प्रचुर मात्रा में होता है, जो महिला को ऊर्जा देता है. यह उस समय आपको ऊर्जा देता है, जब स्तनपान के बाद आपकी ऊर्जा कम होने लगती है.
दाल एक अच्छी डाइट के लिए बहुत जरूरी है। डिलीवरी के बाद आपको अपने आहार में दाल जरूर शामिल करनी चाहिए. दाल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं. इससे ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में भी मदद मिलती है. इसके अलावा आप मूंग दाल, अरहर की दाल, मसूर की दाल आदि को उबाल कर खा सकती हैं या अलग-अलग तरह से भी सेवन कर सकती हैं. इससे आपको अंदर से अपना इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने में मदद मिलती है और पेट संबंधी समस्याएं भी नहीं होती है.
हरी सब्जियां आपको प्रेगनेंसी के दौरान और बाद में भी खानी चाहिए. हरी सब्जियों में विटामिन-ए, विटामिन-सी और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा इनमें कम कैलोरी पाई जाती हैं, जो प्रेगनेंसी के बाद के बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद करती हैं. हरी सब्जियों में सभी तरह की मौसमी सब्जियों का सेवन करें, जैसे- आप ब्रोकली, पालक, बीन्स, परवल और भिंडी जैसी हरी सब्जियों को अपने खानपान में शामिल कर सकती हैं.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रेगनेंसी के बाद महिला का वजन काफी बढ़ जाता है, जिसे कम करना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए, अपने खानपान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करें. आप अपने खाने में सफेद चावल की जगह भूरे चावल को शामिल करें. इससे आपको ऊर्जा भी मिलेगी और नुकसान भी नहीं होगा. साथ ही अगर सफेद चावल माढ़ हटाकर यानी बिना स्टार्च वाले लिए जाएं, तो नुकसान नहीं करेंगे.
गर्भावस्था के बाद अपनी डाइट में ब्लूबेरी शामिल करना एक बेहतर विकल्प है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज होते हैं, जो फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा, यह आपको स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट देते हैं, जिससे ऊर्जा मिलती है.
डिलीवरी के बाद आप संतरे का सेवन जरूर करें. इसमें विटामिन-सी होता है, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ज्यादा जरूरी होता है. आप चाहें तो इसे फल के तौर पर खा सकती हैं या संतरे का जूस भी पी सकती हैं.
इसमें विटामिन-बी6, विटामिन-ई, मैग्नीशियम व पोटैशियम होता है, जो डिलीवरी के बाद आपको फायदा पहुंचाता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर से सूजन कम करने में मदद करते हैं. आप एक चुटकी अदरक का चूर्ण अपनी सब्जी या चटनी में डालकर खा सकती हैं.
रागी/नाचनी कैल्शियम और आयरन का बेहतरीन स्त्रोत है. प्रसव के बाद इन दोनों की ही आपको भरपूर मात्रा में चाहिए होते हैं. यह आपको डिलीवरी के बाद फिर से ताकत पाने में मदद कर सकता है. जिन माँओं को दूध या डेयरी उत्पादों से एलर्जी है, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है. आप रागी से डोसा, इडली, रोटी और हलवा भी बना सकती हैं.
बादाम में कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, विटामिन बी12 व ई और कई खनिज जैसे कि मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, पोटाशियम, कैल्शियम और जिंक आदि होते हैं. चूंकि बादाम में इतने सारे पोषक तत्व होते हैं, इसलिए प्रसव से उबरने के लिए यह एक आदर्श खाद्य पदार्थ है. बादाम बहुत से व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे बादाम वाला दूध, शीरा, हलवा आदि।.यदि आपका कुछ पकाने का मन न करे, तो आप इन्हें स्नैक के तौर पर भी खा सकती हैं.
मेथी दाना आयरन, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स के अच्छे स्त्रोत हैं. इन्हें आमतौर पर पीठ और जोड़ों के दर्द से बचाने के लिए जाना जाता है, हालांकि इस बात को साबित करने के लिए बहुत कम प्रमाण उपलब्ध हैं. आप इनका इस्तेमाल दाल, सब्जियां, पूरी या मीट पकाने के दौरान कर सकती हैं. स्तनपान करने वाली माँओं के लिए मेथी की चाय एक लोकप्रिय पेय है.
ये छोटे, समतल बीज कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैगनीशियम और फॉस्फोरस से समृद्ध होते हैं. इन सभी पोषक तत्वों के साथ तिल शरीर को जरुरी खनिज प्रदान करते हैं. ये मल प्रक्रिया को नियमित करने में भी फायदेमंद माने जाते हैं. उत्तरी भारत में तिल के लड्डू बहुत लोकप्रिय हैं, मगर तिल से कई अन्य मीठे व्यंजन बनते हैं जैसे कि तिल पट्टी, रेवड़ी और चिक्की.
इसे नई मां के लिए पोषण का खजाना कहा जाता है. अन्य फैटी मछली की तरह साल्मन में डीएचए होता है, जो बच्चे के तंत्रिका विकास के लिए जरूरी होता है. हालांकि, मां के दूध में भी प्राकृतिक डीएचए होता है, लेकिन अगर महिला डीएचए युक्त चीजें खाए, तो यह बच्चे को ज्यादा फायदा पहुंचाता है.
Delivery ke baad kya khaye ये हमें बहुत सोच समझ कर और सिर्फ हेल्थी खाना ही खाना चाहिए. क्युकि आपको अपने सेहत के साथ आपके नवजात शिशु का भी ख्याल रखना होता है. डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए इसकी सूची हम आपको निचे दे रहे है.
मसालेदार भोजन
गैस बनाने वाला भोजन
ऑयली भोजन
फ़ास्ट फूड
अल्कोहल
स्मोकिंग
एलर्जी वाली चीजों से दुरी
यदि आप शाकाहारी हैं तो आपको अपने खाने में विभिन्न प्रकार की हरी साग-सब्जियां, विभिन्न प्रकार के फल, विभिन्न प्रकार के मेवों के साथ ही विटामिन बी12, विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड और कैल्शियम सप्लीमेंट को भी शामिल करना चाहिए.
संतुलित आहार का अर्थ एक ऐसी थाली से है, जिसमें नई माताओं के लिए हरी सब्जियां, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट हो. संतुलित आहार इसलिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे माता के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है. ऐसे दूध से नवजात बच्चे के भूख को शांत करने की संभावना अधिक से अधिक रहती है. इसके अलावा नई माताएं अपने खाने में ब्राउन राइस मोटे अनाज, पास्ता, चपाती और साबुत अनाज भी शामिल कर सकती हैं. इस प्रकार के भोजन से उन्हें और अधिक कैलोरी प्राप्त होगी.
नई मांओं को अपने रोज के खाने में दूध, दही, घी को भी शामिल करना चाहिए, जिससे उन्हें कैल्शियम मिलेगा और इससे बच्चे की हड्डियां मजबूत होंगी. यहां ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रसव के बाद अधिकतर महिलाओं में हाइड्रेशन की वजह से बहुत अच्छी मात्रा में दूध की आपूर्ति होती है. रक्त के संचालन में भी वृद्धि होती है, और शरीर से मल नियमित रूप से और आसानी से भी निकल जाता है. इसलिए महिलाओं को प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी पीना चाहिए.
कुछ महिलाएं जो प्रतिबंधात्मक आहार लेती हैं उन महिलाओं में पोषण के तत्वों की कमी का खतरा अधिक रहता है, इसलिए एक नवजात शिशु की माता को विटामिन भरपूर मात्रा में लेना चाहिए. स्तनपान के दौरान अक्सर देखा जाता है, कि महिलाओं में आयोडीन, कैल्शियम की कमी बढ़ जाती है. इस कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मल्टी विटामिन, विटामिन डी, और कैल्शियम का सेवन करना चाहिए.
तो आज आपने इस लेख में डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए के बारे में पढ़ा. इसी के साथ आपने इस लेख में प्रसव के बाद का भोजन, delivery ke baad kya khaye, और food after delivery for Indian mother in hindi के बारे में पढ़ा. इस लेख में आपने ये भी पढ़ा की नई माताओं को कितना पानी पीना चाहिए और डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए ये अभी अब आप जान गये होंगे. उम्मीद हैं आपको इस लेख को पढने के बाद पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न घर कर रहे हो तो हमारे कमेंट सेक्शन में कमेंट करे. और यूँही FreeKaaMaal से शॉपिंग करते रहे, साथ ही साथ सस्ते डील और कूपन का लुफ्त उठाते रहे.
Q1. बच्चा होने के बाद क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
A1. बच्चा होने के बाद मसालेदार, ऑयली , फ़ास्ट फूड आदि चीज़े नहीं खाना चाहिए. पूर्ण जानकारी के लिए हमारा ये लेख पढ़े .
Q2. डिलीवरी के बाद खाने के लिए सबसे अच्छा खाना कौन सा है?
A2. डिलीवरी के बाद खाने के लिए सबसे अच्छा खाना हरी सब्जी, मछली, लीन मीट, दूध, पनीर आदि सबसे अच्छा खाना है. अतिरिक्त जानकारी के हमारे ये लेख पढ़े आपको इसमें पूर्ण जानकारी मिल जायेगी.
Q3. डिलीवरी के बाद पहला पीरियड कब आता है?
A3. डिलीवरी के बाद पहला पीरियड अमूमन 6 से 8 हफ्ते के बाद आता हैं, लेकिन अगर आप अपने बच्चे को स्तनपान करवा रहे हो तो समय में बदलाव भी हो सकता हैं. यानि कि समय कम और ज्यादा हो सकता है.